स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी भाषण/15 August hindi bhashan/Independence Day speech in Hindi/15 अगस्त

 यह बात हवाओ को बताए रखना ,

रौशनी होगी चिरागो को जलाए रखना ,

लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की ,

ऐसे तिरंगे को सदा ,दिल में बसाए रखना | 

परम सम्मानीय अतिथिगण ,प्रधानाचार्य जी ,शिक्षकगण ,सहकर्मचारी ,अभिभावकगण और मेरे प्यारे बच्चों 

मैं तौसीफ अहमद मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी की ओर से इस स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में आप सबका हार्दिक अभिनंदन करता हूँ | 

और तह दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ अपनी निर्णायक समिति का जिन्होंने मुझे आज इस आज़ादी के  महोत्सव में आप सबके समक्ष विचार अभिव्यक्त करने का अवसर प्रदान किया | 

आज पूरा भारतवर्ष आजादी का जश्न मना रहा है जिसके उपलक्ष में हम सब भी आज इस मंच में एकत्रित हुए हैं | पर यह जो जश्न मानाने का मौका हमे मिला है यूं ही नहीं मिला है 

अगर आज हर भारतवासी खुली साँस ले रहा है  तो इसके पीछे हर उस वीर योद्धा की , हर उस वीर सपूत की कुर्बानी की गाथा छिपी है , जिन्होंने एकजुट होकर आंदोलन पर आंदोलन किये

लहू की नदियाँ बहायी , अपनी जान न्योछावर करते हुए खून की होली खेली पर अपने लक्ष्य प्राप्ति पर अडिग रहे  | 

और अंग्रेजो द्वारा लगभग 200 वर्षो तक हर भारतीय की छाती पर किये जाने वाले तांडव की जंजीरो को विध्वंस करते हुए सन 15 अगस्त 1947 को "सोने की चिड़िया "मने जाने वाले देश को आजाद मुक्त बनाया | 

इनके बलिदान ,त्याग और देश के प्रति मरमिटने के जज्बे को किसी ने शब्दो में किया खूब लिखा है :-

क्या समझोगे तुम इस  युग में की प्राण गवाने का दर क्या था ,

क्या समझोगे तुम इस दौर में की अंग्रेजो का प्रतारण का स्तर क्या था ,

क्या देखा है तुमने वो रातों -रात पूरे गांव का जल जाना,

क्या देखा है तुमने वह मंजर मासूम बच्चों का भूख से मर जाना ,

कहने को तो धरती अपनी थी , पर भोजन का ना एक निवाला था ,

धूप तो उगता था हर दिन ,पर हर घर में अँधियारा था,

बैशाखी का पर्व मनाने घर -घर से दीपक निकले थे ,

लौट ना पाए अपने घर को, जो देश बचाने निकले थे। 

तो  इन महान स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी की बदौलत 

आज हम पूर्ण रूप से स्वतंत्र है। 

और 15 अगस्त 1947 के पश्चात् जब से हमे स्वराज्य की प्राप्ति हुए है  तब से लेकर आज तक हमारे देश ने कई  क्षेत्रों में चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो, सार्जनिक क्षेत्र हो ,राजनीती क्षेत्र हो या तकनिकी क्षेत्र हो ,निरंतर प्रगति की है। यह प्रगति यू ही चलती रहे और वीर सपूतों की कुर्बानी व्यर्थ न जाए इसके लिए हर भारतीय को खासकर हमारी युवा पीढ़ी को जो हमारे देश का उज्वल भविष्य है जागरूकता की आवश्यकता है 

की साम्प्रदायिकता ,जातिवाद और भाषावाद एक ऐसा दीमक है जो हमारी एकजुटता और भाईचारे को दिन प्रतिदिन ख़त्म कर रहा है खोखला कर रहा है  यही से प्रत्येक भारतीय को वीर योद्धाओ की कुर्बानी को दिल में बसाते हुए एक संकल्प उठाना है की देश हमारा 

"सोने की चिड़िया था "

"सोने की चिड़िया है "

और "सोने की चिड़िया ही बनाये है "

मै तहे दिल से धन्यवाद देता हूँ  आप सभी उपस्थित श्रोतागण का जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय निकला और इस आज़ादी के महोत्सव में शामिल होकर हमारे नन्हे मुन्ने बच्चों को और हमे प्रोत्साहित किया। 


 




Tausif

Hi! My name is TAUSIF AHMAD I have completed B.Tech in Computer Science from Maulana Azad National Urdu University Hyderabad. I am always ready to have new experiences meet new people and learn new things. 1. I am very interested in Frontend Development. 2. I love video editing and graphics designing. 3. I enjoy challenges that enables to grow. 4. I am part time Blogger.

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