Introduction of Visual Basic.Net
Computer के विकास मे third generation मे
कई नई
languages की खोज की
गई। जिनमे COBOL,FOTRAN etc. महत्वपूर्ण
हैं। उस समय
develop की गई सभी
language उन लोगों के लिए काफी
कठिन
थी जो की
प्रोग्रामिंग सीखना चाहते थे।
इस समस्या को दूर
करने के लिए
Denis Ritchi और Thomas Kurtz ने 1964 मे एक
नई language develop की जिसे
ही BASIC (Beginners All
Purpose Symbolic Instruction Code) के
नाम से जाना
जाता है। यह
language उन सभी लोगों
के लिए काफी
सरल थी जो
की programming मे
नए थे या उसे
सीखना
चाहते थे। उस
समय यह language Command Based Interface Applications बनाने मे use होती
थी। Microsoft Corporationके आने
के
बाद
इसका
प्रयोग
DOS operating system के programs बनाने
की लिए किया
गया।
Microsoft के Windows
Operating System के आने के
बाद Windows programming के लिए
BASIC का visual version बनाया गया जिसे
की Visual Basic नाम दिया
गया। इसमे windows programming के लिए
सभी tools provide किए गए
और कई नए
coding features जोड़े गए। 1991 मे इसका
पहला version Visual Basic 1.0
releaseकिया गया। इसके
बाद Visual Basic
2.0,3.0,4.0,5.0 और अंत मेVisual
Basic 6.0 को 1998 मे release किया गया।
VB6 बहुत ही popular version था। इसके
बाद Microsoft नेprogramming मे काफी
परिवर्तन करते हुये
.Net framework नाम से 2002 मे नई
programming technology releaseकी।
जिसमे windows और web से जुड़े
बहुत से बदलाव
किए गए। इसके
बाद Visual Basic को .Net के साथ
जोड़ते हुये 2003 मे .Net 1.1 के
साथ visual studio 2003 मे Visual Basic.Net को release किया गया।
इसमे VB6 के features के साथ
कई नए features जोड़े
गए। इसके बाद
.Net के नए versions के साथ
की इसमे कई
नए features जोड़ दिये
गए हैं। इसमे
निम्नलिखित features पाये जाते
है।
Features of Visual Basic.Net
Programming for GUI: इसका
प्रयोग Graphical User
Interface के लिए किया
जाता है। यह
language Windows operating system के
लिए Windows Applications,
Websites etc. बनाने की सुविधा
देता है।
Integrated Development Environment: यह
language Visual Studio का प्रयोग करते हुये
Integrated Development Environmentप्रदान
करता है जिसका
प्रयोग GUI के लिए
प्रोग्राम बनाने मे होता
है। यह कई
विंडो प्रदान करता
है जो programs बनाने
मे मदद करती
है। जैसे –properties window, toolbox etc.
User Interface Design: यह
language user interface को
design करने की सुविधा
देती है। इसमे
windows के लिए form डिज़ाइन करने
के लिए Windows form Designer होता है
जो की Toolbox की
सहायता से UI design करने मे
सहायता करता है।
Rapid Application Development: VB.Net Rapid application Development को support करता है।
इसमे user को सभी
codes नहीं लिखने पड़ते। यह
automatically बहुत सी coding कर देती
है। जैसे form Design, events के code automatic आ
जाते है।
Object Oriented Programming: VB.Net Object Oriented language है। यह
OOPs के सभी features को support करती है।
Auto Complete: VB.Net का
code editor auto complete की सुविधा देता है।
इसके code editor मे code लिखते समय
codes को यह automatic पूरा कर
देती है जिससे
user का समय बच
जाता है।
Auto Quick Information: इस
feature के कारण code लिखते समय
user function library को बिना ओपन
किए ही methods के Syntax, properties का description, variable
declaration etc. को एक पीली
strip मे tip के रूप
मे दिखा देती
है। इसे auto quick info कहते
है।
Auto List of Members: इसमे
object का नाम लिखने
के बाद dot लगते
ही उसके सभी
members (property और methods)
की list display हो जाती
है जिसमे user किसी
भी member को select कर सकता
है।
Auto Syntax Check: इसका
code editor automatically syntax error को
check कर तुरंत error दिखाता है।
Auto Compile: यह programs
को automatically compile कर error दिखाता है।
इसमे logical errors को छोड़कर
सभी errors दिखाई देती है।
Auto Help: इसमे error आने पर
यह help देकर उसे
सुधारने मे भी
मदद करता है।
जैसे integer के integ लिखने पर
यह “Change Integ to Integer”
message दिखाता है।
Help System: यह online और offline दोनों प्रकार
से help प्रदान करती है।
यह internet से online और MSDN के
द्वारा offline help प्रदान करता है।
Control Flow Statements
VB.Net मे control flow
statements Program के flow को control करती है।
यह प्रोग्राम मे
प्रयोग होने वाले
डेटा को control करती
हैं। यह statements दो
प्रकार की होती
है।
Conditional Statements
Looping Statements
Conditional Statements: VB.Net मे
conditional statements का use
conditions को check करने के
लिए किया जाता
है। यह मुख्यतः
तीन प्रकार की
होती है।
If- Then
If – Then – Else
Select Case
If- Then
if-then statement का use
normal conditions check करने के लिए
किया जाता है।
इसमे लिखी गई
condition के true होने पर
If- End If block की
statements execute हो जाती है।
और condition false होने पर
control बाहर चला जाता
है।
Syntax :
If Condition Then
Statements
End If
Example :
If a > b Then
Msgbox (“A is greater”)
End If
If- Then- Else
इस conditional statement मे दो
block होते है। condition के true होने पर
If block execute होता है और
condition के false होने पर
Else block execute होता है।
Syntax :
If Condition Then
[If block Statements]
Else
[Else Block Statements]
End If
Example :
If a > b Then
Msgbox (“A is greater”)
Else
Msgbox (“B is greater”)
End If
Select Case
Select Case statement का
use किसी expression की value को अलग
अलग cases पर check करने के
लिए किया जाता
है। इसमे select case मे
लिखी गई expression की
value cases के साथ match की जाती
हैं और सही
match found होने पर उस
block की statement execute हो जाती
है। किसी case के
match न होने पर
Case Else की statement
execute होती है।
Syntax :
Select Case textexpression
Case ExpressionList………N
[‘Statements … … N]]
[Case Else
[Statement Else]]
End Select
Example :
Select Case Now.DayOfWeek
Case DayOfWeek.Sunday
MsgBox(“Its Time to Enjoy”)
Case DayOfWeek.Monday
MsgBox(“Have a nice week”)
Case Else
MsgBox(“Enjoy this week”)
End Select
Select Case